ख़त्म कर दो अब कहानी ,कुछ बात तो है तेरी मेरी आँखों में पानी , कुछ बात तो है जिस तरह है चुप्पियाँ और आँखे नम भी प्यार, धोखा या गुमानी , कुछ बात तो है किसान तेरा खेत,नही बिका तो नही बिका बेटी को कहता तू रानी , कुछ बात तो है बच्चे सहमे मुस्काये, बैठे उसके आँचल में बुढिया को कहते हो नानी , कुछ बात तो है राव बाज़ी के शहर में 'राज़' राज़ क्या होंगे चलकर आई खुद मस्तानी ,कुछ बात तो है शायर भरत राज़
It is my good fortune that I was born to Mr. Pukhraj Singh Rajpurohit and Nain Kanwar Rajpurohit. Father gave me discipline and soulfulness as heritage, and mother taught to live with truth and faith.