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ख़त्म कर दो अब कहानी ,कुछ बात तो है
तेरी मेरी आँखों में पानी , कुछ बात तो है

जिस  तरह है  चुप्पियाँ और आँखे नम भी
प्यार, धोखा  या  गुमानी , कुछ बात तो है

किसान तेरा खेत,नही बिका तो नही बिका
बेटी  को  कहता  तू रानी ,  कुछ बात तो है

बच्चे  सहमे मुस्काये, बैठे उसके आँचल में
बुढिया को कहते हो नानी ,  कुछ बात तो है

राव बाज़ी के शहर में 'राज़' राज़ क्या होंगे
चलकर आई खुद मस्तानी ,कुछ बात तो है

शायर भरत राज़ 

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kirdaar

हयात की रुकी रफ्तार पता नहीं भरत तेरा क्या किरदार पता नहीं हम तो वो आशा के दीप जगा बैठे तुम हुए आज भी खुद्दार पता नही क्या मिली अपनों से हार पता नहीं क्या टूटे है दिल के तार पता नहीं हम गैरो को संगदिल समझ बैठे हा मिली उन्हीं से मार पता नहीं जिन्दगी तेरी जो रफ्तार पता नहीं भरत तेरा क्या किरदार पता नहीं शायर भरत राज