ख़त्म कर दो अब कहानी ,कुछ बात तो है
तेरी मेरी आँखों में पानी , कुछ बात तो है
जिस तरह है चुप्पियाँ और आँखे नम भी
प्यार, धोखा या गुमानी , कुछ बात तो है
किसान तेरा खेत,नही बिका तो नही बिका
बेटी को कहता तू रानी , कुछ बात तो है
बच्चे सहमे मुस्काये, बैठे उसके आँचल में
बुढिया को कहते हो नानी , कुछ बात तो है
राव बाज़ी के शहर में 'राज़' राज़ क्या होंगे
चलकर आई खुद मस्तानी ,कुछ बात तो है
शायर भरत राज़
तेरी मेरी आँखों में पानी , कुछ बात तो है
जिस तरह है चुप्पियाँ और आँखे नम भी
प्यार, धोखा या गुमानी , कुछ बात तो है
किसान तेरा खेत,नही बिका तो नही बिका
बेटी को कहता तू रानी , कुछ बात तो है
बच्चे सहमे मुस्काये, बैठे उसके आँचल में
बुढिया को कहते हो नानी , कुछ बात तो है
राव बाज़ी के शहर में 'राज़' राज़ क्या होंगे
चलकर आई खुद मस्तानी ,कुछ बात तो है
शायर भरत राज़
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