क्यों तो कोई सृष्टि तुम पर रहम करें
या तो अपनी सांस रोककर खुद मर जाएं
या फिर तोड़ फ़ेंक दे इब्ने-आदम के सींगों को
नाखूनों को तोड़- कुचलकर खाद बनाए,
दांतो को रहने दें बाजारों में बिकने,
या तो अपनी सांस रोककर खुद मर जाएं
या फिर तोड़ फ़ेंक दे इब्ने-आदम के सींगों को
नाखूनों को तोड़- कुचलकर खाद बनाए,
दांतो को रहने दें बाजारों में बिकने,
या तो अपने पंख नोंच ले
तोड़ फोड़ दे अपनी सुन्दरता के सपने
या फिर खुद ही खा ले गहरी दीमक को
फड़फड़ करते कंकालों से प्राण खींच ले
और फूंक दे केवल कच्ची कलियों में
या फिर पुष्पों के यौवन में या पानी की धारा में
तोड़ फोड़ दे अपनी सुन्दरता के सपने
या फिर खुद ही खा ले गहरी दीमक को
फड़फड़ करते कंकालों से प्राण खींच ले
और फूंक दे केवल कच्ची कलियों में
या फिर पुष्पों के यौवन में या पानी की धारा में
क्यों तो कोई सृष्टि तुम पर रहम करें
या तो अपनी सांस रोककर खुद मर जाएं
या तो अपनी सांस रोककर खुद मर जाएं
भरत राजगुरु
Bharat RajGuru
Bharat RajGuru
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