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Showing posts from February 28, 2016
रास्ते   में  पाँव   देखे ,साथ   यह  किसका  मिला डूबती  सी  जिंदगी  को  यार  फिर  तिनका मिला तोय   सफीना  मुस्कुरा  मन  ही  मन बतिया रहे चलते  चलते  नाविक  को एक नया झटका मिला   प्रीत मिलन संयोग कृपा सबको मैंने पास बुलाया नफरतो   के   शहर   में  तरुण    भटका     मिला कर   से   मेरे   अब   तलक  पौंछना  ही  रह गया आँख का आंसू भी  मुझको इस कदर टपका मिला प्रीत की  एक  जंग  खेली , ना  हार  हुई  ना जीत हार जीत के  चक्कर में और "राज़ " लटका मिला शायर भरत राज़
तेरी सदा दुआ सही मेरी वफा फरेब कैसे यह जहान तुमने देखा क्या हुआ मगर फैसला नही किया कोई गुनाह इश्क सर चढ़ा रहा हया कैसे  नही चमकी वक्त रोज समझा रहा हर तरफ  धूंआ धुंआ क्या करे अब फैसला शायर भरत राज