Skip to main content
रास्ते   में  पाँव   देखे ,साथ   यह  किसका  मिला
डूबती  सी  जिंदगी  को  यार  फिर  तिनका मिला

तोय   सफीना  मुस्कुरा  मन  ही  मन बतिया रहे
चलते  चलते  नाविक  को एक नया झटका मिला  

प्रीत मिलन संयोग कृपा सबको मैंने पास बुलाया
नफरतो   के   शहर   में  तरुण    भटका     मिला

कर   से   मेरे   अब   तलक  पौंछना  ही  रह गया
आँख का आंसू भी  मुझको इस कदर टपका मिला

प्रीत की  एक  जंग  खेली , ना  हार  हुई  ना जीत
हार जीत के  चक्कर में और "राज़ " लटका मिला

शायर भरत राज़

Comments

Post a Comment