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रास्ते   में  पाँव   देखे ,साथ   यह  किसका  मिला
डूबती  सी  जिंदगी  को  यार  फिर  तिनका मिला

तोय   सफीना  मुस्कुरा  मन  ही  मन बतिया रहे
चलते  चलते  नाविक  को एक नया झटका मिला  

प्रीत मिलन संयोग कृपा सबको मैंने पास बुलाया
नफरतो   के   शहर   में  तरुण    भटका     मिला

कर   से   मेरे   अब   तलक  पौंछना  ही  रह गया
आँख का आंसू भी  मुझको इस कदर टपका मिला

प्रीत की  एक  जंग  खेली , ना  हार  हुई  ना जीत
हार जीत के  चक्कर में और "राज़ " लटका मिला

शायर भरत राज़

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kirdaar

हयात की रुकी रफ्तार पता नहीं भरत तेरा क्या किरदार पता नहीं हम तो वो आशा के दीप जगा बैठे तुम हुए आज भी खुद्दार पता नही क्या मिली अपनों से हार पता नहीं क्या टूटे है दिल के तार पता नहीं हम गैरो को संगदिल समझ बैठे हा मिली उन्हीं से मार पता नहीं जिन्दगी तेरी जो रफ्तार पता नहीं भरत तेरा क्या किरदार पता नहीं शायर भरत राज