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Showing posts from 2017
मैं किसी एहसान के नीचे दबा हूँ एहसास के नीचे दबा हूँ तुम अधूरा छोड़ भी देते मुझे पर मैं तेरी हर सांस के नीचे दबा हूँ हूँ अधूरा आज भी, छलका हूँ सिसकियों से कभी आंखों से नदियों को बुलाता हूँ हथेलियों पर रिस गई है आंख बंद होते ही फिर किसी कागज के पन्नों पर गिर गई है बूँद तेरा नाम मिटाने शब्द में जो शख़्स उलझ कर रह गया वो खास है मैं किसी एक खास के नीचे दबा हूँ एक पुरानी आस के नीचे दबा हूँ तुम अधूरा छोड़ भी देते मुझे पर मैं तेरी हर सांस के नीचे दबा हूँ मौन हूँ मैं आंख में सागर लिए रिक्त ह्रदय में गागर लिए हाथ में एक कलम का बोझा लिए ओर कलम में आंख का पानी लिए सुन फल और उपवन के मालिक मैं प्रीत फलों की फांक के नीचे दबा हूँ वनों की घास के नीचे दबा हूँ तुम अधूरा छोड़ भी देते मुझे पर मैं तेरी हर सांस के नीचे दबा हूँ भरत राज

bharat singh

Mr. bharat singh graduated with a Bachelor of commerce degree followed by Master’s Degree in business adminstration (M.com) from Jai Narain Vyas University, Jodhpur. He also holds a computers hardware and software and networking deploma from satyam computer center. He is the Founder of naina jewellers, hyadrabad the unite working for the improve employemnt and employment for unemployers. H